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Sunday, June 19, 2011

वो तेरे प्यार का गम

Wo tere Pyar ka gam
मुकेश ने ईस गाने में दर्द का इकरार ईस सहजता से किया है...
मानो ये दर्द ही नहीं...इक अलग ही अहसास हो...
ये न होता तो कोई दुसर गम होने था...
मैं तो वो हूँ जिसे हर हल में बस रोना था
मुस्कुराता भी अगर तो छलक जाती नजर
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया


वरना क्या बात हैं...तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सिने में भी दिल हैं कोई पत्थर तो नहीं
तुने ढाया हैं सितम तो यहीं समझेंगे हम
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया

सुनिए

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