Wo tere Pyar ka gam
ये न होता तो कोई दुसर गम होने था...
मैं तो वो हूँ जिसे हर हल में बस रोना था
मुस्कुराता भी अगर तो छलक जाती नजर
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया
सुनिए
मुकेश ने ईस गाने में दर्द का इकरार ईस सहजता से किया है...
मानो ये दर्द ही नहीं...इक अलग ही अहसास हो...
मैं तो वो हूँ जिसे हर हल में बस रोना था
मुस्कुराता भी अगर तो छलक जाती नजर
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गया
वरना क्या बात हैं...तू कोई सितमगर तो नहीं
तेरे सिने में भी दिल हैं कोई पत्थर तो नहीं
तुने ढाया हैं सितम तो यहीं समझेंगे हम
अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी के दिल टूट गयासुनिए
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