Sad Mukesh....मुकेश की दर्द भरी आवाज...wo jindagi hain meri bebasi...Apana koyi na tha...Apana koyi nahi...
अपनी कभी...कोई मंझिल ना थी...
...आँख जो इक बूंद गिरी हैं...हर सपने का मोल यही है...
....ए दिल तेरी कोई कीमत ना थी....
...और फिर ईस घडी नींद क्यों टूटती...
अपना कोई ना था...अपना कोई नहीं...ईस दुनिया में....हाय...
सुनिए
अपनी कभी...कोई मंझिल ना थी...
...आँख जो इक बूंद गिरी हैं...हर सपने का मोल यही है...
....ए दिल तेरी कोई कीमत ना थी....
...और फिर ईस घडी नींद क्यों टूटती...
अपना कोई ना था...अपना कोई नहीं...ईस दुनिया में....हाय...
सुनिए
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