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Sunday, July 10, 2011

तेरे प्यार को इस तरहसे भुलाना...ना दिल चाहता हैं...ना हम चाहते हैं...

के उजड़ी हुई जिंदगी को बसना...
ना दिल चाहता हैं ना हम चाहते हैं...
तेरे गम में बहते हुए आसुनोंसे...
ना जाने हमें प्यार क्यूँ हो गया हैं...
के भूले से भी अब कभी मुस्कुराना...
ना दिल चाहता हैं...ना हम चाहते हैं...

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