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Saturday, July 9, 2011

तू मिले तो पुछु तुझसे...

इतने उमंगें लाये थे दिल में समेट कर...
ले जा रहे हसरते कफ़न में लपेटकर...
अब किस पे करे भरोसा....
दुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरा...

तेरी झूटी दुनिया की हम सब दीवारें तोड़ चले...
तुझे मुबारक तेरी दुनिया हम तो दुनिया छोड़ चले...
मरकर भी ना भूल सकेंगे हम अहसान तेरा...
दुनिया को दिए उजाले और मुझको दिया अँधेरा...
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