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Sunday, April 1, 2012

Shama se koyi kah de


शमा से कोई कह दे...
के तेरे रहते रहते..
अन्धेरा हो रहा...
के तुम हो वहां...
तो मिलाने को यहाँ... 
पतंगा रो रहा...

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